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MSP 2021-2022 : प्रत्येक वर्ष सरकार अक्टूबर माह में रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है लेकिन इस बार 1 महीने पहले की आज 21 सितंबर 2020 को कैबिनेट की एक बैठक हुई जिसमें रबी फसल एमएसपी 2021 को मंजूरी दी गई और गेहूं , चना , सरसों , जौ , कुसुम , मसूर इत्यादि (Rabi Crops) के लिए MSP (Minimum Support Price) निर्धारित किया गया।

रबी फसल एमएसपी 2021 // Minimum Support Price List for Rabi Crops

क्रमांकफसल का नाम (Rabi Crop List)रबी फसल एमएसपी 2021 (MSP)
1.गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य₹1975
2.रेपसीड या सरसों की एमएसपी₹4650
3.मसूर का समर्थन मूल्य₹5100
4.जौ MSP 2021₹1600
5.चना रबी फसल एमएसपी 2021₹5100
6.कुसुम मिनिमम प्राइस₹5327
रबी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य 2020-2021 की लिस्ट

सरकार प्रत्येक वर्ष रबी सीजन और खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई के समय उनके न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करती है , प्रत्येक फसल में दो से 3% पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ोतरी की जाती है।

यहां हम सबसे पहले तो जानेंगे कि इस वर्ष की Rabi Crops में पिछले वर्ष के मुकाबले कितने प्रतिशत की और कितने रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है और उसके बाद अंत में खेती किसान अपनी प्रतिक्रिया देगा Minimum Support Price 2021-2022 पर।

सरसों , चना , गेहूं , मसूर , सूरजमुखी और जौ की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2021-2022

सरसों या कहीं रेपसीड का वर्ष 2020-2021 में न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹4425 प्रति क्विंटल था जिसे वर्ष 2021-2022 के लिए बढ़ाकर ₹4650 प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

पिछले वर्ष गेहूं की एमएसपी ₹1925 प्रति क्विंटल थी जिसे इस वर्ष बढ़ाकर ₹1975 प्रति क्विंटल कर दिया गया है , यह बढ़ोतरी ₹75 की है जो की वर्ष 2021-22 के लिए सबसे कम बढ़त है।

चना की एमएसपी 2020 के लिए ₹4875 थी जिससे इस वर्ष ₹225 प्रति क्विंटल बढ़ाकर ₹5100 कर दिया गया है।

रबी फसल मसूर में इस वर्ष की सर्वाधिक ₹300 प्रति क्विंटल की वृद्धि करके ₹5100 प्रति क्विंटल कर दिया गया है जबकि मसूर का समर्थन मूल्य 2020-21 में ₹4800 था।

कुसुम (Safflower MSP 2021-2022) को पिछले साल से ₹112 बढ़ाकर इस साल ₹5327 प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।

पिछले साल कुसुम का मिनिमम सपोर्ट प्राइस 2020-2021 में ₹5215 प्रति क्विंटल था।

जौ (Barley) का पिछले बरस न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹1525 था जिसमें ₹75 प्रति क्विंटल की वृद्धि करके इस बार 2021-2022 की खरीद के लिए ₹1600 प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

अपने ट्विटर हैंडल पर डॉक्टर यू एस अवस्थी लिखते हैं – किसानों को फसल का अच्छा दाम दिलवाने की दिशा में कैबिनेट ने रवि 2021 22 से सभी रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया है और किसानों को मूल्य पर 106% तक लाभ मिलेगा।

हालांकि डॉक्टर साहब एक जाने-माने व्यक्ति हैं और अपने क्षेत्र (इफको) में इनका कार्य सराहनीय है लेकिन मुझे तो यह 106% का लाभ अभी तक समझ में नहीं आया है अगर किसी भाई को यह बात समझ में आए तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

रबी फसल एमएसपी 2021 – 2022 (रबी क्रॉप मिनिमम सपोर्ट प्राइस) का पूरा विश्लेषण

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार 22 अधिसूचित फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करती है जो कि कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया जाता है।

राजनीतिक तौर पर देखा जाए तो मूंगफली का एमएसपी पिछली सरकार यानी कि यूपीए की सरकार में ₹4030 प्रति क्विंटल था जिसे एनडीए ने अपनी योजना में बढ़ाकर ₹5090 प्रति क्विंटल कर दिया था।

और यूपीए सरकार (2009 से 2014 तक) के मुकाबले एनडीए सरकार (वर्ष 2014 से 2020 तक) न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद अधिक की है जिसे नकारा नहीं जा सकता।

भारतीय कृषि टि्वटर हैंडल एग्रीकल्चर इंडिया की मानें तो 2009 से 2014 तक (जिस समय भारत में यूपीए की सरकार थी) उस दौरान एमएसपी में दलहन , तिलहन और खोपरा की खरीद 7.24 एलएमटी थी।

जबकि 2014 से 2020 (रबी सीजन 2020 तक , एनडीए सरकार के समय) यह 170.70 एलएमटी है जो कि पहले से 23.60 बार अधिक है।

पिछले रबी सीजन 2020 में गेहूं , धान , दाल , तिलहन के लिए सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कुल 113000 करोड रुपए का भुगतान किया गया था जो कि वर्ष 2021 के मुकाबले 31% ज्यादा रहा।

2021-2022 के लिए Rabi Crop Minimum Support Price में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है

Rabi Crops Minimum Support Price 2021-22
Image : Rabi Crops Minimum Support Price 2021-22

गेहूं की फसल में पिछले वर्ष के मुकाबले न्यूनतम समर्थन मूल्य में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है।

चना समर्थन मूल्य में 2020 अगले 2021 में 4.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।

जौ (Barley MSP 2021-2022) में पिछले साल के मुकाबले 4.9 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है।

रबी फसल मसूर के अंदर सर्वाधिक 6.3% की बढ़ोतरी की गई है।

सरसों एवं रेपसीड में वर्ष 2020 के अनुपात में देखा जाए तो 5.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर मुहर लगाई गई है।

कुसुम्भ जिसे की Safflower के नाम से भी जाना जाता है के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 2.1 % की वृद्धि की गई है।

भारतीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का मानना है कि मोदी सरकार का यह रबी विपणन वर्ष 2021-2022 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने का निर्णय किसानों के हित में है।

रबी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी 2021-2022) पर खेती-किसान की प्रतिक्रिया

किसान भाइयों खेती किसान की प्रतिक्रिया राजनीतिक न होते हुए एक समान दृष्टिकोण से की गई है।

प्रत्येक सरकार हर साल खरीफ और रबी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करती है और आमतौर पर यह देखा जाता है कि पिछले साल के मुकाबले उसमें वृद्धि की जाती है।

यह वृद्धि करना और अधिसूचित फसलों के लिए एक मिनिमम सपोर्ट प्राइस निर्धारित करना अच्छी बात है।

लेकिन इस अच्छी बात को संपूर्ण रूप से लागू किया जाए तो वह किसानों की दशा को बदलने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होता है।

लेकिन केंद्र और राज्य सरकारें पिछले तमाम वर्षों से एमएसपी तो निर्धारित कर देती है लेकिन उस पर फसल की खरीद संपूर्ण रूप से करवा पाने में असमर्थ दिखाई देती है।

उदाहरण के तौर पर बताना चाहूंगा कि बाजरे का समर्थन मूल्य ₹2150 प्रति क्विंटल है लेकिन बाजरे का इस समय मंडी भाव ₹1300 प्रति क्विंटल चल रहा है।

यदि आप एक किसान है या व्यापारी है तो आपको अच्छे से पता होगा कि नई बाजरी मंडियों में आनी शुरू हो चुकी है और बाजरी की सरकारी खरीद समर्थन मूल्य पर अभी तक शुरू नहीं हुई है।

नरमा और कपास की फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP 2021) पर खरीद संबंधित विचार

अब नरमा और कपास की चुगाई का समय चल रहा है तो आपको याद दिलाना चाहूंगा कि पिछले बरस राजस्थान और हरियाणा के लिए नरमा कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹5650 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था , तो नीचे कमेंट में आप बताइए कि आपने अपना नरमा और कपास की फसल किस भाव बेची थी।

जाहिर सी बात है आपने (हरियाणा और राजस्थान के किसान ने) अपने नरमा की फसल ₹5000 प्रति क्विंटल के इर्द-गिर्द बेची थी जिसमें किसानों को ₹600 से अधिक का घाटा प्रति क्विंटल पर दिखता है।

हरियाणा की सरकार ने तो फिर भी नरमा की सरकारी खरीद एक व्यवस्थित तरीके से करवाई थी लेकिन राजस्थान में तो नरमे की एमएसपी पर खरीद ना बराबर रही थी।

राजस्थान में तो केंद्र सरकार की CCI (कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) – एक संस्था जो नरमा कपास की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करती है – ने किसानों का नरमा सीधे लेने की बजाय फैक्ट्री के माध्यम से पूंजी पतियों को कमीशन दे कर अपना उल्लू सीधा किया था।

कपास फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य 2020-2021 लगभग ₹5750 प्रति क्विंटल है , चलो देखते हैं कि 2020-2021 में सरकार नरमा कपास की खरीद समर्थन मूल्य पर कर पाने में समर्थ रहती है या फिर पिछली बार की तरह है असमर्थ ही घोषित होती है।

यह पढ़े : ख़रीफ़ फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य।

Official Press Release : Cabinet approves Minimum Support Prices (MSP) for Rabi Crops for marketing season 2021-22

Keywords : रबी फसल एमएसपी 2021 , चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य , मसूर का मिनिमम सपोर्ट प्राइस 2021-22 , Rabi Crop MSP 2021-2022 , Sunflower Minimum Support Price.

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Author : Pankaj Sihag

मैं इस खेती-किसान ब्लॉग का संस्थापक पंकज सिहाग हनुमानगढ़ जिले के एक छोटे से गाँव के किसान का बेटा हूँ। यहाँ पर किसानों की सहायता हेतु फसलों के मंडी भाव दिए जाते हैं।

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