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आज का यह समाचार आप सभी के लिए बहुत ही खास होने वाला है इस लेख में हम आपको गेहूं निर्यात प्रतिबंध और अरहर स्टॉक प्रकटीकरण का बाज़ार में असर की जानकारी देंगे, की वर्तमान में बाजार में क्या में क्या चल रहा है?

यह आर्टिकल सभी किसानों के लिए तो महत्वूर्ण है ही सही और यह आम आदमी के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत सरकार ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा पत्र 3 दिन पहले यानी 12 अगस्त 2022 को ही पत्र जारी कर दिया है। यह पत्र सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में लागू किया गया है।

गेहूं निर्यात प्रतिबंध 2022

गेहूं के निर्यात में प्रतिबंध

आने वाले कुछ दिनों में खरीफ कालीन दलहनी फसलों का उत्पादन 20% से भी अधिक खाते के संभावना है, क्यों अभी भारत में वर्तमान में मानसून का मौसम चल रहा है। आज मानसून का आधा मौसम संपूर्ण हो गया है कई क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई है और कही कम वर्ष हुई है।

कई क्षेत्र ऐसे भी जहा अत्यधिक वर्षा होने के कारण खरीफ फसल खबर हो गई है इसमें दलहन भी शामिल है। हाली में ही भारत सरकार ने खरीफ के सीजन के लिए 105 लाख टन से भी अधिक दलहनों के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।

इस अधिनियम के माध्यम से अरहर पर स्टॉक लिमिट लागू की गई है यह केंद्र सरकार के अंतर्गत स्टॉक की निगरानी की जाएगी, सत्यापन केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अंतर्गत होगा।

हाली में ही, भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी है (Indian Wheat Export Ban) जिसके चलते आगे आटा में भी पाबंदी (Wheat Flour Export Ban) लगाने पर भी सरकार विचार कर रही है।

इसके साथ ही मैदा, सूजी और कई अनेक प्रकार की चीजों (Maida, Suji etc. ) पर सरकार ने रोक लगा दी है जो गेहूं से बनती है ऐसी ही चीजों को सरकार ने रोक लगा दी है।

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गेहूं के निर्यात में प्रतिबंध करने का कारण 

भारत सरकार ने यह कदम इस लिए उठाया है क्यों की इससे भारत देश के बाजारों में गेहूं, आटे और आदि जो गेहूं से बनती है उन सबकी कीमत को निरंत्रण करना है।

गेहूं के निर्यात रोकने पर आटे और अन्य गेहूं से निर्मित चीजों के भाव में तेजी दिखाई दे रही थी, इस लिए इन्हे भी इसमें शामिल कर लिया है।

महाराष्ट्र में गेहूं पर लगा प्रतिबंध

पिछली पर यह कई लोगो ने गलत तरीके से गेहूं का निर्यात किया था, तो मंत्रालय ने मुंबई की 2 कंपनीयो को जांच के आदेश दिए थे। इस के चलते फिर महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री द्वारा किसानों को साहायता के लिए कुछ राशि देना का भी ऐलान किया था।

यह अधिक वर्षा होने के कारण अत्यधिक नुकसान हुआ है यह की सरकार ने किसानों को 6800 रुपए प्रति हेक्टर को दुगना करने का भी निर्णय लिया है।

घरेलू बाजार की स्थति

भारी वर्ष के चलते दलहन की फसलों में बड़ा नुकसान हुआ है, यह हमारे किसानों के लिए और अपने लिए एक गंभीर विषय है क्योंकि हम अब कही न कही खेती से ही जुड़े है।

पिछले कुछ दिनों में घरेलू बाजार में अरहर और उड़द का भाव तेज हुआ है। पिछले साल की तुलना में इस बार तुअर का उत्पादन क्षेत्र 11.67 % घट गया है और मूंग का क्षेत्रफल भी मामूली सा घट गया है।

वर्तमान में महंगाई के बढ़ने के कारण केंद्रीय वाणिज्य एवं उघोग मंत्रालय ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी गई है। भारत सरकार ने इससे पहले 2022-2023 में एक करोड़ तन अनाज निर्यात करने का लक्ष्य रखा गया है।

गेहूं के निर्यात में प्रतिबंध होने के बाद भी कई लाख टन गेहूं निर्यात

सरकार ने हाली में ही गेहूं निर्यात में रोक लगाया था इसके बाद भी करीब 16 लाख टन गेहूं फर्जी तरीके से निर्यात हुए है। यह सरकार के विरुद्ध है, इसी लिए सरकार ने इसमें कई बदलाव भी किए है।

शेयर धारक संस्थाओं को अपने पास रखे स्टॉक्स का देता साप्ताहिक आधार पर उपभोक्ता मामले के विभाग के ऑनलाइन निगरानी पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश जारी किए है।

भारत दूसरा सबसे बड़ा देश है यह गेहूं उत्पादन देश है यहा चावल के बाद भारत में दूसरी सबसे महत्वपूर्ण खाघ फसल है। गेंहू रबी की एक फसल है, जिसे पकने के लिए समय ठाडे मौसम और तेज धूप की आवश्यकता होती है।

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Author : Vikas

मैं विकास कुमार इस ब्लॉग पे नियमित लेखक हूँ। मुझे खेती-बाड़ी एवं सरकारी योजना से संबधित जानकारी प्रदान करवाना अच्छा लगता है।

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