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इस सप्ताह में नरमा, कपास और ग्वार भाव के आसमान छूते मंडी भावों पर ब्रेक लग चुका है और जो नरमा पिछले सप्ताह है ₹8800 प्रति क्विंटल तक बिक रहा था वही नरमा ₹500 की मंदी के साथ फिलहाल बाजार में ₹8300 से लेकर ₹8500 प्रति क्विंटल तक बिक रहा है।

इसी के साथ जिस ग्वार की कीमत पिछले सप्ताह है ₹6000 प्रति क्विंटल से अधिक चल रही थी वहीं ग्वार अब मंडियों में ₹5551 प्रति क्विंटल तक उच्चतम बिक रहा है, इसके हिसाब से देखा जाए तो ग्वार भाव में लगभग ₹400 से लेकर ₹500 तक की मंदी जारी है।

अमेरिकन कोटन यानी नरमा और कपास भाव में मंदी का कारण

अमेरिकन कोटन जिसे हमारी भाषा में नरमा के नाम से जाना जाता है एवं कपास भाव में मुख्यतः मंदी का कारण नए कोरोनावायरस के चलते कपास निर्यात को प्रभावित होना माना जा रहा है।

फिलहाल कपास निर्यात और कपास व्यापार अनिश्चितता का सामना कर रहा है क्योंकि एक नया परिवर्तित कोरोना वैरीअंट कपास निर्यात को भयंकर तरीके से प्रभावित कर रहा है।

इस साल कम उत्पादन के कारण कपास की कीमत ₹9000 प्रति क्विंटल तक चल रही थी एवं जिनिंग प्रेसिंग के कारण जहां कपास की मांग बढ़ रही थी वही अफ्रीका के साथ-साथ अन्य देशों में नए कोरोना संक्रमण के उभरने से कपास का निर्यात प्रभावित हो रहा है और निर्यात ठप भी हो चुका है।

कपास निर्यातकों का कहना है कि नहीं महामारी पर काबू पाने तक कपास के व्यापार में अनिश्चितता बनी रहेगी, वर्ष 2021 में उत्पादकों को पहले भी बुरी तरह प्रभावित किया है जिससे कपास उत्पादन बेहद ही कम हुआ है।

कम उत्पादन के चलते बाजार में कपास के अच्छे भावों से किसानों के घर एक उम्मीद जग रही थी और उनका अनुमान था कि इस वर्ष में अमेरिकन कपास को ₹10000 प्रति क्विंटल तक आराम से बेच पाएंगे जो कि फिलहाल इस भयंकर मंदी के कारण साकार होता प्रतीत नहीं हो रहा है।

सरसों, सोयाबीन और पाम तेल की तेजी मंदी दिसंबर 2021

पंप तेल में तेजी की उम्मीद कम है : मलेशिया पाम में आई तेजी मलेशिया पाम तेल के बढ़त ने घरेलू बाजार को कुछ हद तक सहारा दिया लेकिन पाम तेल की कमजोर डिमांड के चलते तेजी सीमित ही रहेगी।

कोरोना के नए वेरिएंट के डर के बीच अच्छे एक्सपोर्ट और उत्पादन में गिरावट के चलते आई गिरावट एस पी पी ओ एम ए के मुताबिक 1 नवंबर से 30 नवंबर के उत्पादन में 6.80% की गिरावट आई जबकि नवंबर महीने में पाम तेल का इंपोर्ट 5.85 लाख टन रहने का अनुमान अक्टूबर के मुकाबले इंपोर्ट में गिरावट पाम तेल में इन स्तरों पर थोड़ी स्थिरता आ सकती है लेकिन बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।

सरसों तेल : सरसों तेल सोयाबीन की तेजी ने सोया तेल को सहारा देकर कांडला पोर्ट पर सोया तेल के भाव ₹5 प्रति 10 किलो बढ़ने में मदद की, पाम तेल का सोया तेल से कम अंतर के कारण इंपोर्टर नवंबर महीने में सोया तेल का इंपोर्ट बढ़ाया और विदेशी बाजारों में मजबूती ने भी सोया तेल को सपोर्ट किया।

नवंबर महीने में सोया तेल का इंपोर्ट 4 लाख टन पहुंचने का अनुमान लगाया गया है और अक्टूबर के मुकाबले इंपोर्ट दुगुना हुआ है।

मांग और सप्लाई को देखते हुए बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है और भाव स्थिर रहने के चांस ज्यादा दिख रहे हैं।

सरसों भाव में चल रही मंदी पर मौजूदा ग्राहकी और सोयाबीन की तेजी से सहारा मिला है, इस साल 30 नवंबर तक राजस्थान में 33.12 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुवाई पूरी हो चुकी है जो कि गत वर्ष समान अवधि में 23.21 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई थी।

18 नवंबर तक के डाटा के अनुसार चीन ने अमेरिका से इस तिलहन वर्ष का 19.7 मिलियन टन नया सोयाबीन आयात किया है जो कि पिछले वर्ष के 29 मिलियन टन से काफी कम है।

चीन ने बुधवार को अमेरिका और ब्राजील से दिसंबर जनवरी शिपमेंट का 240000 टन सोयाबीन खरीदा है। आयो

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Author : Pankaj Sihag

मैं इस खेती-किसान ब्लॉग का संस्थापक पंकज सिहाग हनुमानगढ़ जिले के एक छोटे से गाँव के किसान का बेटा हूँ। यहाँ पर किसानों की सहायता हेतु फसलों के मंडी भाव दिए जाते हैं।

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