weather news : पिछले कई दिनों से भारत के उत्तरी राज्यों तथा उत्तर पश्चिम के कई राज्यों में हल्के से मध्यम प्रभाव वाले पश्चिमी विक्षोभ के कारण कई जगह हल्की-फुल्की आंधी के साथ-साथ बारिश दर्ज की गई थी। इसी क्रम में आने वाले 4-5 दिनों में भारत के इन हिस्सों में पश्चिमी विक्षोभ का जबरदस्त असर देखने को मिल सकता है।
इस सप्ताह में उत्तर भारत का मौसम : आंधी व बारिश
अप्रैल माह के अंतिम दिनों में भीषण गर्मी के पश्चात उत्तर भारत में मई महीने के दूसरे सप्ताह में अच्छी बारिश होने का अनुमान है जिससे कि मौसम सुहाना हो सकता है।
आज 10 मई को पंजाब, दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश का पश्चिम क्षेत्र, हरियाणा तथा राजस्थान के अरावली क्षेत्र वाले जिलों में बादलों के सक्रिय होने से गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है जिससे कि मौसम खुशनुमा होने का अनुमान है।
10 मई से लेकर 11 मई तक राजस्थान के जैसलमेर, गंगानगर, जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर, हनुमानगढ़, नागौर, सीकर, झुंझुनू, पाली, अजमेर, जयपुर, चूरू तथा पंजाब के अबोहर, फाजिल्का, अमृतसर, गुरदासपुर, मोगा, पठानकोट, तरनतारन, मुक्तसर , जालंधर, बरनाला, बठिंडा, होशियारपुर, कपूरथला, संगरूर, मानसा व हरियाणा के हिसार , भिवानी, सिरसा महेंद्रगढ़ के कई हिस्सों में धूल भरी आंधी के साथ-साथ हल्की से तेज बारिश हो सकती है वह कहीं कहीं बारिश के साथ तेज आंधी आ सकती है।
11 मई की शाम से राजस्थान के केंद्रीय में एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है जिस की गतिविधियों के कारण केंद्रीय राजस्थान से लेकर दिल्ली एनसीआर तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है तथा बारिश के साथ-साथ तेज आंधी भी आ सकती है।
गत दिवस यानी कि 9 मई की शाम को हल्के लेवल का पश्चिमी पर देखा गया था जिस कारण कई जगह तेज आंधी के साथ हल्की बारिश हुई। यह पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान तथा दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों में सक्रिय हुआ था। तथा व्यापक स्तर पर इसका प्रभाव देखा गया।
उत्तर भारत तथा उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ राज्यों में कल से तेज बारिश का दौर देखा जा सकता है। अरब सागर में MJO( maiden jullian oscillation ) के बनने से भारत के मैदानी प्रदेशों में मानसून से पहले बनने वाले चक्रवात का प्रथम दौर देखने को मिल सकता है जिसके कारण मैदानी भारत में तेज बारिश का आकलन किया गया।
इस चक्रवात का प्रभाव 12 तथा 13 मई को सर्वाधिक देखने को मिल सकता है तथा इसका असर 14 व 15 मई को भी हल्के स्तर पर देखने को मिलेगा।
मौसम अपडेट 13,14 व 15 मई
वर्ष 2021 ग्रीष्म ऋतु के पहले साइक्लोन का आगमन अरब सागर में 13 मई को होने की संभावना है। ग्रीष्म ऋतु के इस साइक्लोन का असर भारत के तटीय राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटका, गोवा तथा केरल में देखने को मिल सकता है इस कारण यहां पर तेज हवाओं के साथ साथ गरज के साथ बारिश होने का अनुमान है।
मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए तथा वैज्ञानिकों के आते उनके हिसाब से इसकी दिशा उत्तर पश्चिमी होगी तथा इस चक्रवात का प्रभाव ओमान देश की तरफ होने की प्रबल संभावना है।
12 व 13 मई को भारत के पंजाब, राजस्थान, दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर तथा उत्तर प्रदेश के पश्चिमी तेज बारिश की संभावना के साथ-साथ पहाड़ी इलाकों जैसे कि उत्तराखंड जम्मू-कश्मीर में कहीं बादल फटने की संभावना है।
14 मई 15 मई को पंजाब, दिल्ली एनसीआर, राजस्थान व हरियाणा राज्य में हल्की बारिश से लेकर मध्यम बारिश होने की संभावना है जो कहीं कहीं तेज भी हो सकती है।
10 मई से लेकर 14 मई तक गुजरात राज्य के जिलों में हल्की बारिश का अनुमान है, वही मध्य प्रदेश के उत्तरी तथा पूर्वी हिस्सों में मध्यम गति की बारिश हो सकती है। वही गुजरात तथा मध्य प्रदेश के कुछ स्थानों पर बारिश के आने की प्रबल संभावना है।
अतः हम कह सकते हैं कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण 9 मई की शाम को हुई बारिश जिसका दायरा हरियाणा, दिल्ली एनसीआर, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश था जिसमें कहीं-कहीं आंधी के साथ हल्की बारिश हुई थी। इन स्थानों पर आने वाले दिनों में भी ग्रीष्म ऋतु के प्रथम चक्रवात का प्रभाव देखने को मिल सकता है।
आने वाले दिनों में अथार्त 15 मई तक हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान तथा दिल्ली एनसीआर में आंधी के साथ बारिश देखने को मिल सकती है। उत्तर भारत के इन राज्यों में नरमा की बिजाई का दौर अपने चरम सीमा पर है। इसलिए किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि आने वाले 15 मई तक नरमे की बिजाई से परहेज करें तथा उसे कुछ समय तक टाल दें ताकि बारिश का प्रभाव किसानों की आर्थिक स्थिति पर ना पड़े।