नई दिल्ली, आज दिनांक 5 अगस्त 2022 वार शुक्रवार को भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय (Food Ministry) द्वारा तेल कंपनियों से खाद्य तेलों (edible oil) के दाम में ₹8 से लेकर ₹10 प्रति किलो तक कम करने के निर्देश दिए गए हैं।
भारत सरकार ने यह भी कहा है कि खाद्य तेल कंपनियों (edible oil processing industries) को 10 दिन के अंदर अंदर यह काम आवश्यक रूप से करना होगा।
सरकार की इस मांग से बड़ा है कीमतों पर दबाव
भारत सरकार द्वारा खाने के तेलों के भाव में ₹10 कम करने वाले आदेश से और कमजोर मांग से खाद्य तेलों की कीमतों (edible oil prices) पर दबाव बना हुआ है।
क्रूड सोयाबीन ऑयल एवं सूरजमुखी ऑयल पर आयात शुल्क को खत्म करने से इंडोनेशिया एवं मलेशिया से सीपीओ और पामोलिन तेल की सप्लाई ज्यादा होने की उम्मीद बन रही है।
सरसों और सोयाबीन की मिलक एवं स्टॉकिस्ट द्वारा कमजोर मांग के चलते सूरजमुखी तेल के आयात में बढ़ोतरी देखने को मिली है जिसके चलते सोयाबीन की कीमतों में भी गिरावट नजर आ रही है।
एक डाटा के मुताबिक 31 जुलाई 2022 तक देश भर में सोयाबीन की बुवाई 114.70 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2.5 फ़ीसदी और पिछले 5 साल की समान अवधि के सामान्य क्षेत्रफल औसत से 13.7% से ज्यादा है।
फिलहाल खाद्य मंत्रालय (food ministry) ने तेल निर्माताओं और एसोसिएशन को चर्चा के लिए बुलाया था जिसमें सरकार ने (edible oil) खाद्य तेलों के दाम में ₹8 से लेकर ₹10 प्रति किलो तक कम करने के निर्देश जारी किए हैं।
सरकार का तर्क है कि सोया तेल $2000 की पिक से $700 और पामोलिन तेल $2000 की पिक से आधा हो गया है और इसी कारण से फूड मिनिस्ट्री द्वारा तेल निर्माताओं को खाद्य तेलों की कीमतों में कमी करने की गुजारिश की गई।
FSSAI दो सप्ताह के लिए देशभर में चेकिंग शुरू करने जा रही है जिसमें तेलों में मिलावट, ब्लेंड वाले तेलों की लेबलिंग और वनस्पति तेल में ट्रांस फैट्स की चेकिंग एवं लूज तेलों की बिक्री को चेक किया जाएगा।