विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण : इंदिरा गांधी नहर परियोजना की अलग-अलग वितरिकाओ मैं पानी छोड़ने को लेकर सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता द्वारा नोटिस जारी किया गया था जिसमें यह उल्लेखित किया गया है कि मुख्य नहर में पानी की उचित मात्रा उपलब्ध ना होने के कारण पूर्व में निर्धारित समय पर शाखाओं में पानी ना छोड़ा जाए। इसको लेकर किसान संगठनों ने लामबंद होकर इसके विरोध में अनूपगढ़ तहसील कार्यालय का घेराव करके विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बीमा क्लेम तथा नहर में पानी छोड़ने हेतु आश्वासन
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री राहुल गांधी किसान संगठनों द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीनों बिलों के खिलाफ किए जा रहे विरोध प्रदर्शन मैं भाग लेने के लिए 12 फरवरी को राजस्थान में प्रस्तावित कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इसी के मद्देनजर खाजूवाला के विधायक ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नवीन महाजन से तुरंत संपर्क करके अनूपगढ़ शाखा में मात्र 12 घंटे की देरी से पानी छुड़वाया।
अनूपगढ़ शाखा में पानी छोड़ने के साथ-साथ किसान संगठन लगातार फसल बीमा योजना के तहत जारी किए गए बीमा क्लेम की बकाया राशि का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने इसके लिए किसान संगठन के सदस्यों से एक सप्ताह का समय बकाया राशि जारी करने के लिए मांगा जिस पर किसानों एवं प्रशासन के बीच आम सहमति बन पाई जिसके फलस्वरूप तहसील घेराव के तय कार्यक्रम को फिलहाल आगामी कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया है।
नहर में पानी छोड़ने में 14 घंटे की हुई देरी की आपूर्ति पर सहमति बन पाई क्योंकि किसान लगातार मांग कर रहे थे की रबी की फसलों मुख्यतः गेहूं की फसल को पाने की वर्तमान में सख्त आवश्यकता है।
राहुल गांधी का राजस्थान दौरे के सियासी मायने
राहुल गांधी राजस्थान प्रदेश में 12 व 13 फरवरी को दो दिवसीय दौरे के दौरान कुल पांच जगह पर किसानों को संबोधित करने के साथ-साथ एक एक जगह ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। राजस्थान में कांग्रेसी सरकार होने के कारण प्रदेश की वर्तमान सरकार के लिए यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण सियासी मायने रखता है। राज्य के किशनगढ़, अजमेर पीलीबंगा, परबतसर, मकराना आदि स्थानों पर जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
इस प्रस्तावित दौरे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पिछले कुछ समय से लेकर काफी सक्रिय हैं तथा ज्यादा से ज्यादा लोगों को इकट्ठा करके कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के सामने अपनी भूमिका स्पष्ट करना चाहते हैं।
कृषि बिलों के खिलाफ वर्तमान में हो रहे आंदोलन राजस्थान की अपेक्षा हरियाणा एवं पंजाब में ज्यादा सक्रिय हैं ,इसी क्रम में राहुल गांधी का यह प्रोग्राम राजस्थान के किसानों के बीच अपना कितना प्रभाव छोड़ता है यह भविष्य के गर्भ में निर्धारित है।