कोरोना महामारी के बीच मोदी सरकार ने देश के किसानों के हित में फैसला लेते हुए DAP खाद के प्रति बैग पर ₹500 सब्सिडी बढ़ाने का निर्णय किया है। जिससे डीएपी खाद का ₹2400 वास्तविक कीमत का एक बैग किसानों को ₹1200 में मिलेगा।
कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले कुछ समय में DAP खाद बनाने वाले कच्चे माल जैसे कि अमोनिया व फास्फोरिक एसिड की कीमतों में भारी बढ़ोतरी होने से DAP खाद के उत्पादन में होने वाला खर्च भी उसी अनुपात में बढ़ा है। जिस कारण डीएपी खाद के एक बैग की वास्तविक कीमत ₹1700 से बढ़कर ₹2400 हो गई थी।
पूर्व में केंद्र सरकार द्वारा किसानों को ₹500 की सब्सिडी DAP खाद के एक बैग पर दी जाती थी, जिस कारण ₹1700 का एक बैग किसानों को ₹1200 में मिलता था।
भारत सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी की राशि
केंद्र सरकार द्वारा DAP खाद पर मिलने वाली सब्सिडी को 140% बढ़ाने का निर्णय लिया है जिस कारण ₹2400 की DAP खाद को ₹1200 की दर पर किसानों को उपलब्ध करवाया जाएगा। इस सब्सिडी के फैसले के कारण केंद्र सरकार को 14775 करोड रूपए की अतिरिक्त राशि का भार वहन करना पड़ेगा।
इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली खाद की सब्सिडी के कारण तकरीबन 80000 करोड रुपए का खर्च करना पड़ता था।
केंद्र सरकार द्वारा के हाई लेवल मीटिंग का आयोजन किया गया था जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। प्रधानमंत्री को विशेषज्ञो द्वारा खाद की बढ़ती कीमतों की जानकारी दी गई। इसी बैठक में निर्णय लिया गया कि किसानों को ₹1200 प्रति बैग की सब्सिडी दी जाएगी।
भारत सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत है इसी क्रम में खाद की कीमतों पर लगाम लगाने का जन हितेषी निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार समय-समय पर ऐसे फैसले लेकर किसानों के बीच संदेश देना चाहती है कि वह अपने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए टारगेट को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वर्ष 2020 में केंद्र सरकार द्वारा पारित किए तीन कृषि कानूनों के विरोध में निरंतर किसानों का प्रदर्शन जारी है। जिस कारण हरियाणा तथा पंजाब में केंद्र के इस निर्णय का पुरजोर विरोध किया जा रहा है। बीते हुए कुछ महीनों से दिल्ली की बॉर्डर पर किसानों द्वारा अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है। इस कड़ी में केंद्र सरकार डीएपी खाद की कीमतों को स्थिर करके किसानों का विश्वास हासिल करने का प्रयास करने की कोशिश में है।
कोरोना महामारी की इस दूसरी लहर में जहां हर वर्ग को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वही किसानों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। इस कमजोर होती किसानों की आर्थिक स्थिति में खाद की कीमतों में लगाम लगाने का फैसला निश्चित तौर पर उनके लिए राहत भरा हो सकता है।
अभी कुछ समय पहले केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अक्षय तृतीया के पवित्र दिन को किसानों के खाते में 20667 करोड रूपए की राशि सीधे जारी की गई थी। यह राशि वर्ष में 3 बार प्रत्येक किसान को ₹2000 प्रति किस्त के रूप में दी जाती है।