Last updated on February 8th, 2021 at 09:26 pm
उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा 2021 : उत्तरी भारत में स्थित पहाड़ी राज्य उत्तराखंड मैं आज सुबह चमोली जिले के रैणी ग्राम सभा के नजदीक ग्लेशियर फटने के कारण अचानक अलकनंदा व उसकी सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों का जीवन अस्त व्यस्त होने की कगार पर पहुंच गया।
ग्लेशियर फटने का घटनाक्रम
उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा 2021 के तहत पहाड़ी इलाके की मदमस्त सुबह के समय जब जनसामान्य अपने-अपने करें में मशगूल थे तभी जोशीमठ के नजदीक तेज धमाके के साथ ग्लेशियर फटने से उसके मलबे के अलकनंदा की सहायक नदी धौली गंगा में गिरने पर नदी का जल स्तर एकदम तेजी से बड़ा तथा पानी के बहाव में बेतहाशा वृद्धि हुई।
उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा 2021 के संदर्भ में आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि ग्लेशियर बर्फ का एक बहुत बड़े टुकड़े के समान होता है जिससे साल भर बर्फ पिघल कर धीरे धीरे नदी की धार में पानी का आगमन होता है तथा निरंतर यह जारी रहता है।
परंतु अगर बहुत थोड़े समय अंतराल में यह बर्फ का टुकड़ा एकदम से टूट जाए तो नदियां इस पानी के बहाव को अपने में समाने में असमर्थ हैं।
ऋषि गंगा नदी , धौली गंगा नदी की सहायक नदी है , इसी ऋषि गंगा नदी में एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर वर्तमान में कार्य चालू है जो कि एक निजी कंपनी द्वारा किया जा रहा है।
इस ग्लेशियर के फटने पर नदी के बहाव में तेजी आने पर नदी नदी पर बना डैम टूट गया तथा उस पर कार्यरत लगभग 100 से अधिक मजदूर तथा अन्य लोगों के लापता होने की सूचना है।
उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा 2021 की घटना का अन्य जिलो तथा राज्यों पर प्रभाव
धौलीगंगा जोकि गंगा नदी की सहायक है मैं जलस्तर बढ़ने पर गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने की पूरी पूरी संभावना है। जिसके कारण उत्तराखंड राज्य के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों खासकर गंगा नदी के किनारे बसने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
इसी क्रम में उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश राज्य के निचले इलाकों को खाली करवाई जाने की प्रक्रिया जोरों पर है ताकि आने वाले समय में जान माल के नुकसान से बचा जा सके। उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश राज्य का प्रशासन निचले इलाकों से लोगों को किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की निरंतर अपील कर रहा है.
2013 मैं केदारनाथ मैं हुई प्राकृतिक आपदा की भयानक परिस्थितियां सभी के जेहन में ताजा है जिसमें भारी जानमाल का नुकसान उठाना पड़ा था।
उत्तराखंड राज्य से भारत की दो महत्वपूर्ण नदियां गंगा तथा यमुना क्रमशः गंगोत्री एवं यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है जोकि उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल होते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है।
यह नदियां उत्तरी भारत के मैदानों की जीवन रेखा है परंतु प्रकृति से खिलवाड़ तथा प्राकृतिक आपदा के कारण इन नदियों से आई हुई बाढ़ त्रासदी का कारण भी बनती है।
बचाव एवं राहत कार्य : उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा 2021
युद्ध स्तर पर उत्तराखंड सरकार एवं केंद्र सरकार उत्तराखंड राज्य में ग्लेशियर फटने पर प्राकृतिक आपदा के तुरंत बाद में एक्शन में दिखाई दी एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत घटनास्थल पर रवाना हुए तथा लोगों से सोशल मीडिया पर पुरानी वीडियो देखकर पैनिक ना होने की अपील की पता हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि केंद्र सरकार लगातार घटना पर नजर बनाए हुए हैं तथा पीएम एवं होम मिनिस्टर ने फोन करके पूरे हालात का जायजा लिया। सीएम ने पीड़ितों के लिए ₹400000 की मदद करने की घोषणा की है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मीडिया को बातचीत करते हुए बताया की घटना के तुरंत बाद उन्होंने उत्तराखंड के सीएम आइटीबीपी के डायरेक्टर जनरल से बातचीत की व उत्तराखंड सरकार को मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया।
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि एयर फोर्स को मदद के लिए हर समय तैयार रहने को कहा गया है।
उत्तराखंड ग्लेशियर फटने की घटना पर एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमों को तुरंत राहत कार्य पर लगाया गया है। वही आइटीबीपी की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन कर रही है ताकि लापता लोगों को ढूंढ कर सुरक्षित अपने घर भेजा जा सके।
उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी अधिकारियों को स्टैंडबाई पर रहने का निर्देश दिया है ताकि अगर गंगा नदी के प्रवाह में तेजी आने पर निचले स्थानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कार्यवाही तत्परता से हो।
उत्तर प्रदेश शासन के साथ-साथ गुजरात तथा बिहार राज्य की सरकारों ने हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा 2021 की घटना पर दुख जताया तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को स्थानीय लोगों की हर संभव मदद करने की अपील की।
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