मध्यप्रदेश : प्रदेश की मंडियों का व्यापार बचाने के लिए मंडी शुल्क को 50 पैसा करने और निराश्रित शुल्क समाप्त करने एवं लाइसेंस आजीवन करने और भयमुक्त कागजी कार्यवाही समाप्त करने आदि मांगों को लेकर मध्यप्रदेश मंडिया रहेगी बंद। मध्यप्रदेश की 272 मंडियां 3 सितंबर 2020 से लेकर 5 सितंबर 2020 तक 3 दिन पूर्णता बंद रहेगी।
म०प्र० की 272 मंडिया गुरुवार से 3 दिन तक रहेगी हड़ताल पर
मध्यप्रदेश शक्ल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के अध्यक्ष गोपाल दास अग्रवाल , महामंत्री प्रकाश तल्लेरा , राधेश्याम माहेश्वरी ने एक संयुक्त प्रेस नोट में बताया कि केंद्र सरकार ने व्यापार व्यवसाय और किसानों को उपज बेचने के लिए पूरे देश के लिए एक अध्यादेश लागू कर देश की कृषि उपज मंडियों व उनके घोषित स्थानों को छोड़कर बाकी पूरे देश में किसानों को उपज बेचने के लिए स्वतंत्र कर दिया।
और इन नए आदेश “द फार्मर प्रोड्यूसर ट्रेड एंड कॉमर्स” से कयकर्ता व्यापारियों आदि को लाइसेंस और मंडी शुल्क से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है।
यह व्यवस्था 5 जून 2020 से प्रभाव सील हो गई थी और प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार के आदेश के बाद सभी प्रदेश में प्राइवेट मंडियों को खोलने के लिए प्रयासरत है।
जबकि प्रदेश की 272 मंडियां इस नए अध्यादेश से समाप्त होने की कगार में जा रही है और इसका मूल कारण मंडी के बाहर कोई बंधन व मंडी शुल्क नहीं होना है।
और साथ ही मंडी के बाहर कोई बंधन व मंडी शुल्क नहीं है एवं मंडियों में अनावश्यक कागजी कार्यवाही व मंडी शुल्क व निराश्रित शुल्क मिलाकर ₹1 और 70 पैसा है।
03 से 05 सितंबर 2020 तक मध्यप्रदेश मंडिया रहेगी बंद
इस बारे में महासंघ राज्य सरकार से निवेदन कर चुका है कि मंडियों को सुरक्षित रखने के लिए मंडियों की कालसी कार्यवाही समाप्त कर मंडी शुल्क को 50 पैसा कर दिया जावे।
इसके साथ ही मंडियों को स्वायत्त संस्था की तरह मंडी बोर्ड से मुक्त कर दिया जाए और इसके अलावा मंडी में लीज की व्यवस्था उद्योगों को दी जाने वाली सुविधा के अनुसार रखी जाए।
उपरोक्त मांगों के लिए प्रदेश का मंडी व्यापारी 03 से 05 सितंबर 2020 तक अपना कारोबार बंद रखेगा जिसके तहत मध्यप्रदेश मंडिया रहेगी बंद।
मध्यप्रदेश का व्यापारी सरकार से मांग करेगा कि प्रदेश की मंडियों का विकास करें और नई नई व्यवस्था को ना फैलावे।
वर्तमान मंडियों को केंद्र के मॉडल अध्यादेश के अनुरूप चलाकर व्यापार-व्यवसाय के साथ मंडियों की अरबों रुपए की लागत से विकसित मंडियों को बचाया जाए।
यदि सरकार इस बंद पर भी नहीं जागी तो महासंघ अगला कदम उठाने पर मजबूर होगा उसके लिए सरकार जवाबदार होगी : अध्यक्ष गोपाल दास अग्रवाल ने कहा।
3 दिन तक मध्यप्रदेश की समस्त मंडियां बंद रखने की प्रमुख वजह
जून में केंद्र सरकार ने किसानों को लेकर 3 अध्यादेश जारी किए थे जिसके तहत किसान मंडी प्रांगण के अलावा बाहर कहीं भी किसी भी निजी व्यापारी या निजी मंडी में जाकर अपनी फसल को मंडी भाव पर या इससे अधिक / कम पर बेचने के लिए स्वतंत्र किया गया था।
इस बात से तो किसी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था लेकिन इसके साथ ही केंद्र सरकार ने एक नया नियम लागू किया
जिसके तहत किसान की फसल को कोई भी व्यापारी केवल पैन कार्ड के आधार पर कोई भी व्यक्ति खरीद सकता है।
और इस खरीददार को उपज खरीदने पर किसी भी प्रकार का टैक्स देय नहीं होगा जबकि यदि किसान अपनी फसल मंडी प्रांगण में लेकर जाएगा तो
वहां पर ख़रीदने वाले व्यापारी के ऊपर मंडी शुल्क , कृषक कल्याण शुल्क एवं अलग-अलग राज्यों की विभिन्न मंडियों के अनुसार विभिन्न शुल्क के लिए जाएंगे।
और बस इसी को लेकर विभिन्न राज्यों के महासंघ विभिन्न तौर तरीकों से अपनी-अपनी प्रदेश की मंडियों को बंद रखने का ऐलान कर रहे हैं।
इस बंद के पीछे प्रमुख वजह केंद्र सरकार के यह तीन नए अध्यादेश हैं , पूरे देश के व्यापारियों की केवल यही मांग है की
मंडियों से भी मंडी टैक्स व अन्य टैक्सों को हटाया जाए ताकि मंडियों का व्यापार सुचारू रूप से चल सके।
03 से 05 सितंबर 2020 तक मध्यप्रदेश मंडिया रहेगी बंद , इसकी वजह तो हमने जान ली और इसकी मूल वजह के कारण इससे पहले राजस्थान की तमाम मंडिया अगस्त के अंतिम सप्ताह में 4 दिन तक हड़ताल कर चुकी हैं।