चने की MSP : हाल ही में भारत सरकार द्वारा उत्तर पश्चिमी तथा मध्य भारत की प्रमुख रबी की फसल चने की खरीद हेतु चालू रबी सीजन में आंकड़ों का विश्लेषण करने के पश्चात कुछ लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसमें प्रमुखता से चने की अधिकतम खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने की योजना बनाई गई है।
केंद्र सरकार द्वारा चने की खरीद हेतु अनुमानित आंकड़े
केंद्र सरकार ने वर्तमान रबी फसल के सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत सरकार द्वारा चने की MSP पर खरीद का लक्ष्य पिछले वर्ष से 55% अधिक बढ़ाकर 32.50 लाख टन प्राप्त करने की योजना है।
भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार पूर्वी रबी मार्केटिंग सीजन में करीब 21लाख टन चना की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत हुई थी। परंतु इस बार की संभावनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा चने की सरकारी खरीद का लक्ष्य बढ़ाने का निर्णय किया गया है।
मौजूदा रबी सीजन के लिए चने की MSP
भारत सरकार द्वारा चने की MSP पिछले वर्ष 2019-20 के ₹4875 प्रति क्विंटल से बढ़ाकर मौजूदा 2020-21 रबी सीजन के लिए ₹5100 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
सरकारी खरीद के नोडल एजेंसी नेफेड को केंद्र सरकार द्वारा स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि जिन मंडियों में चने के रेट न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आए तत्काल प्रभाव से वहां पर चने की खरीद सीधे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने की व्यवस्था की जाए।
भारत देश के प्रमुख चना उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश में पिछले वर्ष चने की हुई 7.05 लाख टन खरीद को बढ़ाकर 14.50 लाख टन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
दूसरे प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में मौजूदा सीजन में 6.15 लाख टन , उत्तर प्रदेश राज्य में 2.13 लाख टन चने की MSP पर सरकारी खरीद करने का लक्ष्य रखा गया है।
गत वर्ष में राजस्थान राज्य में 5.87 लाख टन , उत्तर प्रदेश राज्य में मात्र 32 हजार टन चना की सरकारी खरीद की गई थी।
इसी प्रकार भारत के दक्षिणी राज्य तेलंगाना में गत वर्ष कि 48000 टन चने की खरीद को बढ़ाकर 51000 टन , आंध्र प्रदेश राज्य में 1.28 लाख टन से बढ़ाकर 1.40 लाख टन तथा कर्नाटक में 1.02 लाख टन से बढ़ाकर 1.67 लाख टन करने का लक्ष्य निर्धारित हुआ है।
वर्तमान रबी सीजन में चने की MSP खरीद के आंकड़े
खाद्य मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के अनुरूप नेफेड द्वारा वर्तमान रबी सीजन में विभिन्न राज्यों जैसे कि गुजरात, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र इत्यादि राज्यों में तकरीबन 2.48 लाख टन की सरकारी खरीद किसानों से सीधे तौर पर की गई है, तथा अन्य भारतीय राज्यों में खरीद प्रक्रिया अभी शुरुआती चरण में है।
विभिन्न मंडियों में कृषि उत्पादों की बिक्री पर नजर बनाए रखने वाले व्यापार विश्लेषकों के अनुमान के अनुसार चने की जबरदस्त आवक होने से फिलहाल चने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव का रुख देखने को मिल सकता है तथा इसी के साथ-साथ भविष्य में चने के भाव में अच्छी मजबूती का अनुमान है ,
सरकारी नोडल एजेंसी नेफेड के अतिरिक्त भारतीय खाद्य निगम तथा स्मॉल फार्मर्स एग्रीबिजनेस कंसोर्सियम भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से दलहन खरीदते हैं।
उद्योग व्यापार के विश्लेषकों के अनुसार सरकार ने जो भी अनुमान लगाया हो परंतु चने का उत्पादन 80- 85 लाख टन से अधिक होने की संभावना ना के बराबर है।
वर्तमान में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा आंध्र प्रदेश राज्य में काबुली चने के mandi bhav में तेजी देने का सिलसिला जारी है इसके प्रमुख कारणों में से व्यापारियों के अनुसार स्थानीय मिलो और स्टॉकिस्टों मांग में आई तेजी तथा मौसमी आपदाओं के कारण उत्पादन में आई कमी को प्रमुख कारण माना जा सकता है।
अगर वर्तमान में चने की MSP पर खरीद के बारे में बात करें तो कल दिल्ली में राजस्थानी चना मात्र ₹125 बढ़कर ₹5950 तथा मध्यप्रदेश के चना के दाम ₹125 बढ़कर ₹5900 प्रति क्विंटल के अधिकतम स्तर को छू सके हैं।
परंतु वायदा बाजार में बंदी के कारण ऊपरी स्तर के 100 – 130 रुपए दिल्ली में ₹50 की गिरावट दर्ज की गई है , एनसीडीईएक्स अप्रैल माह में डिलीवरी वायदा अनुबंध मैं चना की कीमतें केवल मात्र ₹5 तथा मई वायदा अनुबंध में चने के दामों में मात्र ₹41 की तेजी संभावित है।