मौसम अनुमान 20-21 अप्रैल : मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 20- 21 अप्रैल यानी आज और कल पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर एवं उत्तर पश्चिम भारत में मौसम में परिवर्तन रहने का अनुमान है, इसके फलस्वरूप हल्की अथवा तेज आंधी के साथ-साथ कहीं-कहीं बूंदाबांदी व तेज बारिश की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ क्या है ?
पश्चिमी विक्षोभ को राजस्थान में मावठ के नाम से जाना जाता है जो कि रबी की फसल के लिए फायदेमंद मानी जाती है।
यह यूरोप तथा भूमध्य सागर के क्षेत्र में उत्पन्न हुआ एक चक्रवात है जो अंध महासागर, भूमध्य सागर तथा कैस्पियन सागर की नमी को उठाकर भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न देशों जैसे कि भारत , पाकिस्तान तथा नेपाल के विभिन्न हिस्सों में बारिश के लिए उत्तरदाई है।
उत्तर एवं उत्तर पश्चिमी भारत में होने वाली रबी की फसलों मुख्यत गेहूं, सरसों तथा चने की फसल के लिए मावठ एक वरदान साबित होती है, इस क्षेत्र में सर्दियों के मौसम में होने वाली वर्षा रबी सीजन की फसलों के बंपर उत्पादन के लिए सहायक है।
पश्चिमी विक्षोभ अथवा मावठ जिसमें की बारिश चक्रवात के कारण होती है, इसी कारण इस वर्षा के साथ साथ आंधी- तूफान तथा ओले पड़ने की प्रबल संभावना होती है। जिसके परिणाम स्वरूप रबी सीजन की फसलों को फायदा पहुंचाने के साथ-साथ कई जगहों पर ओले गिरने से किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
मौसम अनुमान 20-21 अप्रैल
भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 20- 21 अप्रैल अथवा इन 2 दिनों के भीतर भारत के कुछ हिस्सों में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव रहने की संभावना है जिसके फलस्वरूप 20 अप्रैल की दोपहर से लेकर शाम तक मौसम में परिवर्तन देखने को मिल सकता है।
यह परिवर्तन हरियाणा, राजस्थान, पंजाब तथा दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों में बारिश तथा आंधी के लिए जिम्मेदार होगा। इन 2 दिनों में धूल भरी आंधी के साथ-साथ कुछ तेज हवाएं जिनकी रफ्तार 30 किलोमीटर प्रति घंटा से लेकर 80 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है, तथा तेज गरज के साथ कहीं-कहीं हल्की एवं मध्यम वर्षा अलग-अलग स्थानों पर होने की संभावना है।
खेती विशेष : पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव
जैसा कि आपको ज्ञात है अप्रैल माह में गेहूं की कटाई ता कढ़ाई का सीजन अपने चरम सीमा पर होता है, इसके साथ साथ किसान बंधु अगेती नरमा की बिजाई करते हैं।
मौसम अनुमान 20-21 अप्रैल : किसान बंधुओं को मौसम वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार इन 2 दिनों में गेहूं की जो फसल कट चुकी हैं उसे बंद कर एक जगह पर इकट्ठा करके रखें तथा जिन किसानों ने गेहूं की कढ़ाई को पूरा कर लिया है वह अपनी फसल मंडियों में ले जाने की बजाय ढक कर बारिश से उसका बचाव करें।
जिन किसानों ने नरमे की बिजाई के लिए सिंचाई के पश्चात अपनी जमीन की जुताई कर रखी है वे इन 2 दिनों में नरमे की बिजाई से परहेज करें।
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव क्षेत्र वाले राज्य : मौसम अनुमान 20-21 अप्रैल
अगर हम राजस्थान राज्य की बात करें तो यहां के उत्तरी जिला श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा उत्तर पूर्वी ज़िलों जिसमें झुंझुनू, अलवर, चूरू, भरतपुर एवं पश्चिमी जिले बीकानेर मैं मावठ के प्रभाव को देखा जा सकता है
हरियाणा राज्य के राजस्थान की सीमा से लगते ज़िलों सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, रेवाड़ी, नारनौल, पलवल तथा अन्य जिलों पानीपत, करनाल, कैथल, पंचकूला ( उत्तरी हरियाणा ) मैं पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिल सकता है।
पंजाब प्रदेश के कई जिलों जिनमें होशियारपुर, अमृतसर, बरनाला, मानसा, लुधियाना, मोहाली, रूपनगर, बठिंडा, पटियाला, अबोहर, फाजिल्का, तरनतारन, संगरूर, गुरदासपुर तथा पठानकोट इत्यादि जिले शामिल है जिनमें तेज आंधी के साथ-साथ बारिश का अनुमान है।
दिल्ली एनसीआर मुख्यतः गाजियाबाद, गुड़गांव, नोएडा, बहादुरगढ़ के 20- 25 प्रतिशत हिस्सों में मावठ का प्रभाव देखा जा सकता है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर, आगरा, बुलंदशहर, अलीगढ़, श्यामली, बागपत, मथुरा, सहारनपुर, अमरोहा आदि स्थानों पर कल की आंधी के साथ-साथ बारिश की प्रबल संभावना है।
सर्दियों के सीजन में पश्चिमी विक्षोभ एक सामान्य घटना मानी जाती है जिसके कारण रबी की फसल को फायदा होता है परंतु इसके साथ-साथ कई बार तेज बारिश के साथ ओले पड़ने के कारण किसानों की फसल तबाह हो जाती है आर्थिक तौर पर इसका नुकसान उठाना पड़ता है।
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव दिसंबर माह से लेकर अप्रैल माह तक भारत के कई राज्यों में देखने को मिल सकता है जिसमें मुख्य रूप से आंधी तथा बारिश के साथ-साथ ओले पड़ते है।
पिछले दिनों में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
16 एवं 17 अप्रैल को पश्चिमी विक्षोभ का असर राजस्थान राज्य के जयपुर, भरतपुर, बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर इत्यादि जिलों में देखने को मिला जिसके कारण कहीं-कहीं तेज बारिश के साथ ओले गिरे तथा आंधी से रबी सीजन की पक्की हुई फसल को नुकसान हुआ।
अप्रैल माह के प्रथम दो हफ्तों में पश्चिमी तथा उत्तरी कुछ दिनों में गर्मी का प्रकोप देखने को मिला जो कि पिछले कुछ वर्षो में सर्वाधिक रहा परंतु पश्चिमी विक्षोभ के उपरांत तापमान में हल्की गिरावट देखी गई तथा लोगों को गर्मी से निजात मिल पाई।
हरियाणा राज्य के सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, हिसार, पंचकूला, कैथल, रोहतक इत्यादि जिलों में 16 अप्रैल की दोपहर को तेज अंधड़ के साथ हल्की बारिश हुई तथा तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई जिसके कारण गेहूं की कटाई तथा कढ़ाई के कार्यों को संपन्न करने में बाधा उत्पन्न हुई।
दक्षिणी पंजाब के फाजिल्का, अबोहर तथा बठिंडा जिलों के कुछ स्थानों पर पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव देखा गया। इसके साथ साथ दिल्ली एनसीआर तथा उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में हल्की बारिश से आमजन को राहत महसूस हुई।
मौसम अनुमान 20-21 अप्रैल : हम आशा करते हैं कि यह जानकारी उन किसान भाइयों के लिए काफी उपयोगी होगी जो गेहूं की कटाई अथवा कढ़ाई तथा नरमे की बिजाई के कार्य में लगे हुए है।