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Protect Soyabean Crop From Disease (सोयाबीन फसल को रोगों से बचाने का आसान तरीका) : हमे किसी भी कार्य को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है, यह ऊर्जा हमे खाने से आती है। यदि खाने के लिए दाना ही नही रहेगा तो मानव का जीवन कैसा होगा? यदि किसानों की फसल इसी प्रकार खबर होती रहेगी तो किसानों का क्या होगा? हमारा क्या होगा, आज के इस लेख को आपके सामने प्रस्तुत करने का हमार मुख्य उद्देश है की किसानों की फसल को रोगों से बचाना।

यदि आप कृषि कार्य से संबंध रखते है या फिर आप किसान हो तो फिर तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है। आप बिलकुल ही सही जगह पर आए हो, आपको यह से कई ऐसे तरीके मिलेंगे जिससे की अपनी फसल को रोगों से बचा ले।

Protect Soyabean Crop From Disease

सोयाबीन फसल को बचाने का आसान तरीका 

सोयाबीन की फसल वर्षा ऋतु के मौसम में होती है, अच्छी सोयाबीन की फसल प्राप्ति करने के लिए अच्छी वर्ष होना आवश्यक है। वर्ष ही सोयाबीन की फसलों को जीवन दान दे सकती है, इसमें कोई धोराई नही है।

परंतु यदि आपके क्षेत्र में लगातार अत्यधिक वर्ष हो रही है तो इससे भी आपकी फसल खबर हो सकती है, ज्यादातर इस प्रकार की परेशानी सोयाबीन कटाई में आती है।

यदि आपको ऐसा लागत है की वर्षा अब 8 दिन या 10 दिन तक नही रुकने वाली है, ऐसी इस्थती में आपको फसल की कटाई रोक देनी चाहिए। यदि कटी हुई फसल खेत में रहेगी तो कुछ समय के बाद आपकी फसल खबर होने लगेगी।

इससे आपको ज्यादा नुकसान हो सकता है, यदि आप अपनी फसल की कटाई का कार्य रो देते हो तो आपको इतना नुकसान नही होगा। क्यों, खेत में खड़ी फसल कम खबर होती है।

यदि इस इस्थाई में आपकी फसल खबर हो जाती है तो आपको भारत सरकार की ओर से फसल बीमा योजना 2022 के तहत आपको बीमा राशि प्राप्त हो जाएगी।

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सोयाबीन फसल को रोगों से बचाने का आसान तरीका

सोयाबीन फसल के रोगों की जानकारी (सोयाबीन फसल को रोगों से बचाने का आसान तरीका)

भारत के सभी राज्यों से एसा सुनने में आता है की वहा की फसल खबर हो गई है, हमारे किसान भाईयो पहचान नही पाते है की फसल खराब होने का मुख्य कारण क्या है।

यदि किसान ने इसका रोग का पता लगा भी लिया हो तो वह इसे नही बचा सकता, क्यों ता तक तो उसकी फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाति है।

यदि आपने अपनी फसल में समय रहते रोग का पता लगा लिया है तो आप अपनी फसल को बचा सकते है। यदि किसान फसल के रोग का कारण नही जानता तो इस परिस्थिति में किसान सोचता है की में केमिकल दवाइयों का प्रयोग करू, परंतु आपको यह उपाय नही आजमाना है। इसके बदले आप कुछ ऑर्गेंस खाद डाल सकते है।

सोयाबीन फसल के रोगों के मुख्य प्रकार

  1. पीला मोजेक (Mosaic)
  2. बैक्टीरियल ब्लाइट
  3. एल्टनेरिया पत्ती धबा
  4. चारकोल सड़न(Charcoal Rout)

सोयाबीन फसल के और भी कई प्रकार होते उनमें से यह चार मुख्य है|

इल्ली की बीमारी खत्म करने का तरीका

इस रोग के कारण आपकी सोयाबीन के पत्तो पर इल्ली किट का फैलाव या इल्ली पद जाती है। इल्ली आपके सयोबिन की फसल के पत्ते में से रस प्राप्त कर लेती है।

लाइट ड्रेप या पीला स्टिक पेपर का प्रयोग करे।

आपके खेत को पुरानी खरपतवार से मुक्त रखे।

समय पर बुवाई करे।

इल्ली के लिए दवाई(सोयाबीन फसल को रोगों से बचाने का आसान तरीका)

प्रोफेनोफोस को 40% और सैपरमेथिन को 4% EC 400ml के साथ प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में छिटनी है।

क्वीनालफोस 25% EC 400ML प्रति एकड़ से छिटना है।

सोयाबीन में पोटाश की कमी दूर करे

यदि आपकी फसल में पोटाश की कमी है तो आपकी फसल कमजोर होगी, फसल का ग्रोथ नही होगा और फसल में फल या फूल भी लेट आएंगे। पोटाश की कमी से सोयाबीन की पत्ती ऊपर से पीली पद जाती है।

पोटासियम युक्त खाघ का प्रयोग करे इससे आपकी फसल में पोटास की कमी दूर हो जावेगी।

उन्नत किस्मों का प्रयोग करे।

टाईम टू टाईम अपने खेत की मिट्टी की जांच करवा ले।

कही आपकी खेत में मिट्टी का पीएच अधिक तो नही हो गया।

खेत में जलभराव की समस्या को दूर करे।

सोयाबीन रोग व उपाय

जब आप अपने खेत की बुवाई करते है उससे कुछ दिन पहले आपको खेत में पानी भर देना है और सुख जाने के बाद आपको अपनी फसल की बुवानी कर देनी है।

इससे आपके खेत में नामी रही तो आपकी फसल जड़ी ग्रोथ करेंगे। केप्टस या थारस 3 से 4 किलोग्राम प्रति किलो बीज के हिसाब से अपनी सोयाबीन बीज का उपचार करे, इससे फसल की ग्रोथ जल्दी होती है।

FAQ

सोयाबीन फसल को रोग मुक्त कैसे बनाए?

यदि आप अपनी फसल में ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग अधिक करते है तो, आपकी फसल में किसी भी प्रकार का कोई रोग नही होगा।

यदि सोयाबीन में पोटाश की कमी हो जाए तो क्या करे?

सोयाबीन में पोटाश की कमी हो जाए तो, आपको पोटासियम युक्त खाघ का प्रयोग करना होगा, इससे आपकी फसल में पोटास की कमी दूर हो जावेगी।
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Author : Vikas

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