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Soybeans will grow soon (सोयाबीन में जल्द फुल और फलियां लेने का तरीका) : आज हम आपके लिए यह लेख लेकर आए है, इस लेख को पढ़कर आप भी यह तरीका अपनी फसल पर अजमा सकते है।

इस लेख में आपको जानकारी मिलेगी की आपको जल्दी-जल्दी से अपनी सोयाबीन फसल में फल और  फलियां कैसे लाई जाती है। इसके लिए कौनसा खाद या फिर कौनसी दवाई का प्रयोग करना चाहिए।

Soybeans will grow soon

Soybeans will grow soon In Hindi

यदि हम सोयाबीन की अच्छी फसल(Best Soybeans Crops) चाहते है तो उसके लिए सबसे हमारी मिट्टी सोयाबीन उत्पादन के लिए अच्छी होनी चाहिए। इसका मतलब यह है की हमारे खेत की मिट्टी हल्की सी चिकनी मिट्टी और सर्वाधिक काली मिट्टी होनी चाहिए तभी हमारी सोयाबीन की यह फसल अच्छी होगी।

यदि हम मध्य प्रदेश की बात करे तो, एमपी के किसानों को सोयाबीन की खेती करने का लगभग 40 वर्ष से 50 वर्ष से अधिक का अनुभव है। शायद यदि कारण है की मध्यप्रदेश में सोयाबीन सबसे ज्यादा होते है, इसकी उपज के हिसाब से एमपी का प्रति हेक्टर ओसत उत्पादन लगभग एक टन(10 कुंटल) के आस पास है।

यदि हम पिछले 2 वर्ष या 3 वर्ष का सामान्य ओसत देखे तो मध्यप्रदेश में एक बीघा में 6 कुंटल सोयाबीन हुआ है। इसका मतलब छः कुंटल प्रति बीघा के हिसाब से हमारे यह फसल हो रही है।

कई क्षेत्रों में फसल में अफलन की शिकायत रहती है, इसके लिए क्या करना चाहिए? इसका जवाब आपको इस आर्टिकल में नीचे की ओर मिल जाएगा। यदि आपको इस प्रकार की जानकारी पढ़ने में रुचि हो या फिर आप किसान हो तो आपको हमारी इस वेबसाइट प्रतिदिन आपके लिए हम नई नई खेती बाड़ी से जुडी जानकारी लाते रहते है। ताकि आपको कृषि के क्षेत्र का अधिक ज्ञान हो, नया नया तरीका मिलता रहे।

सोयाबीन में जल्द फुल और फलियां लेने का तरीका

यदि आप चाहते है की हमारी सोयाबीन की फसल में जल्दी से जल्दी फूल और फलिया आए तो इसके लिए आपको सबसे पहले अपनी फसल को टाइम टू टाइम दवाई और खाद देना चाहिए। इससे आपकी जल्दी से ग्रोथ करेगी और साथ में फल भी अच्छा लगेगा।

कई बार ऐसा भी होता है की किसान अपनी फसल का ध्यान अच्छे से रखन के बाद भी उसकी फसल खराब हो जाती है। उसके खेत में केवल हरे, भरे पौधे ही दिखाई देते है। परंतु उनमें कोई फल नही होता है, यदि आप पूरा प्रयास करने के बाद भी आप अपनी फसल नही बचा पाए तो आपको फसल बीमा योजना के तहत सरकार की ओर से बीमा सुविधा दी जाएगी। यदि आपकी फसल को प्राकृतिक(effect of nature in crops) ने नष्ट किया है तो।

सोयाबीन में फुल और फलियां नही आने पर क्या करे?

यदि हम 2 वर्ष पीछे जाए तो, पिछले दो वर्ष में किसानों की सोयाबीन की पैदावार बहुत ही कम हो गई है। पिछले साल तो सोयाबीन की फसल भारत देश में कई क्षेत्र में खराब हो गई थी।

सोयाबीन गर्म और नर्म जलवायु में अच्छी होती है। इसकी खेती करने के लिए 26 से 32 डिग्री का तापमान होना चाहिए।

यदि आपकी सोयाबीन में फुल और फलियां नही आ रही है तो, आप इसके लिए बाजार से कोई अच्छी दवाई कोई अनुभव की सलाह लेकर अपनी फसल पर छिट दे।

इसी लिए जब आप बुवाई करते है उससे पहले ही आपको 1 बीघा पर 4 डीएपी की थैली अपने खेत में उड़ा देनी चाहिए। इससे मिट्टी का उपजाव भी बढ़ता है और साथ ही आपकी फसल अच्छी ग्रोथ करती है।

आपको अपने बीज खेत में बुआई से पहले आपको अपने बीज को एक बार उपचार आवश्यक रूप से करे। इसमें आपका अधिक लाभ होगा उपजाव करने से मुख्य 2 कारण है। पहला है की उपजाव करने के बाद आपके बीज पक्षी नही खाएंगे और दूसरा यह है की आपके सारे बीज पौधे के रूप में बाहर आएंगे।

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सोयाबीन की ग्रोथ कैसे बढ़ाए? (Soybeans will grow soon)

यदि आप योयाबीन की ग्रोथे पड़ना चाहते है तो आपको इसके लिए दवाई या फिर खाद का प्रयोग कर सकते है। इसके लिए आपको दोबारा थोड़े थोड़े बीज लगाना होगा, पौधे की दूरी के हिसाब से बीज लगाए।

आपकी सोयाबीन ग्रोथ तभी रुकती है जब मिट्टी में कोई कमी हो या फिर मौसम में कमी हो या फिर कोई और भी बीमारी हो सकती है।

सोयाबीन में यूरिया का छिड़काव कब करें?

सोयाबीन में यूरिया का छिड़काव अंतिम जुताई से पूर्व आपको 3 से 4 यूरिया की थैली प्रति बीघा में उड़ानी है। अंकुरण पश्चात 7 दिन से डोरे के साथ डाले।

FAQ  

सोयाबीन को बड़ने में कितना समय लगता है?

सोयाबीन को बड़ने में लगभाग 45 दिन से 65 दिन लगते का समय लगता है।

सोयाबीन की अच्छी ग्रोथ के लिए क्या करे?

वाई करते है उससे पहले ही आपको 1 बीघा पर 4 डीएपी की थैली अपने खेत में उड़ा देनी चाहिए। इससे मिट्टी का उपजाव भी बढ़ता है और साथ ही आपकी फसल अच्छी ग्रोथ करती है।

सोयाबीन की फसल के लिए कौनसी मिट्टी अच्छी होती है?

सोयाबीन की फसल के लिए मिट्टी हल्की सी चिकनी मिट्टी और सर्वाधिक काली मिट्टी होनी चाहिए।
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Author : Vikas

मैं विकास कुमार इस ब्लॉग पे नियमित लेखक हूँ। मुझे खेती-बाड़ी एवं सरकारी योजना से संबधित जानकारी प्रदान करवाना अच्छा लगता है।

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