आज ही 16 अगस्त 2022 को आइएमसी बैठक शुरू हो गई है इस बैठक में यह तय होगा की सरकार की ओर से खाघ तेलों और तिलहन पर लागू स्टॉक की लिमिट की समीक्षा की जाए।
इस आर्टिकल को आपके सामने लेने का हमारा मुख्य अपको यह जानकारी मिले की हमारे देश इस समय क्या चल रहा है? सरकारी कैसे काम कर रही है? सरकार की आगे रण नीति क्या होने वाली है? इस लेख को पढ़कर आपको कई जानकारी मिलेगी।

आइएमसी बैठक में आज तय हुआ
कई दिनों से भारत सरकार ने तय किया था की जल्द ही इस के लिए बैठक बुलाई जाएगी जिसमे यह सभी समस्या का हल किया जाएगा।
आज आखिर सरकार ने बैठक का फेसला ले ही लिया, इस बैठक में पाम तेल, फ्यूचर पर इंडस्ट्रियल के प्रजेंटेशन पर भी चर्चा होगी इसके अलावा गेहूं इंपोर्ट घटाने पर भी चर्चा होगी।
पिछले कुछ दिनों में भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी गई है ऐसा करने से सरकार का मुख्य उद्देश्य है की गेहूं के दामों को कम करना है।
गेहूं के बढ़ते दामों की वजह से आम जनता गेहूं नही खरीद पा रही है, इसी के चलते भारत सरकार ने यह फेसला लिया है ताकि गेहूं का भाव थोड़ा कम हो।
सरकार ने गेहूं की बढ़ती किमतो पर रोक लगाने के लिए गेहूं की आयत पर रोक लगा दी है। परंतु कुछ दिनों में यह आयत पर रोक हटा सकती है।
मसूर और तुअर के इंपोर्ट पर हुई चर्चा
आज 16 अगस्त 2022 के दिन आइएमसी बैठक में मसूर के इंपोर्ट को लेकर और तुअर में स्टॉक लिमिट पर भी चार्ज हुई है। बैठक में प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, खाघ और उपभोक्ता मंत्री पियूष गोयल और अन्य मंत्री भी आज की इस बैठक में शामिल हुए है।

इन मामले पर आज चर्चा हुई
संपूर्ण मंत्रियों ने आज की बैठक में आज गेहूं, मूंग दाल, तुअर दाल, पाम तेल और अन्य खाघ प्रथार्थ की चर्च की है। खाने के तेल पर और कटौती कैसे की जाए उस पर भी आज चर्चा हुई है।
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भारत का गेहूं निर्यात का सटीक आंकड़ा
गत वर्ष में भारत देश में गेहूं का निर्यात आंकड़ा इस वर्ष बडकर 70 लाख टन यानी 2.05 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। पिछले वर्ष भारत का कुल गेहूं निर्यात में लगभग 50% बांग्लादेश भेजी गई थी।
भारत देश में गेहूं की कीमत प्रति वर्ष बढ़ती ही जा रहा है आम तौर पर यदि हम एक नजर महंगाई पर डाले तो सबसे पहले हमे विचार आता है की आखिर यह महंगाई बढ़ती कैसे है? हमार सबसे पहला सवाल ही यही रहता है।
तो जाने की आखिर महंगाई कैसे बढ़ती है, यदि कोई बाजार में गेहूं का स्टॉक कम होगा तो गेहूं का भाव अधिक ही होगा और यदि बाजार में गेहूं का स्टॉक अधिक होगा तो गेहूं का भाव भी कम ही होगा यह साधारण बात है।
यही कारण है की सरकार ने पिछले कुछ दिनों में गेहूं और गेहूं से निर्मित सभी चीजों पर रोक लगा दी थी, ताकि इससे गेहूं का भाव साधारण रहे। भारत सरकार और उद्योग के प्रतिभागियों की आज बैठक में सरकार और उद्योग एक्सचेंजों में पाम तेल का कारोबार को दोबारा से शुरू करने पर भी चर्चा की हैं।
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